Thursday, September 1, 2011

आधी रात

आधी ढली सी रात है
सुबह है आधी - आधी
उबलता सा एक ख्वाब है
आधा उफान, आधा ठहराव
थोड़ा सा सर्द है
थोडा सा गर्म भी
तैरता है पलकों पे
तरल है, सरल है,
यथार्थ है, और भ्रम भी

आधा उजाला अनचाहा
आधी बिन-माँगी रात
आधे भूले से रास्तों में
आधा - आधा प्रयास
धूल धूल अँधेरा
परत-दर-परत जम रहा
हौसलों में क्या बाकी है
आधी दबी सी, आधी मचलती
कोई आँधी?

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