सर्दी की धूप
Monday, April 22, 2013
ज़मीं
पर
पाँव
जलने
लगे
हैं
अब
ले
चलो
हमें
आसमानों
में
कहीं
मायनों
की
तलाश
खोखली
सी
लगती
है
खोने
न
जाएँ
हम
भी
बेमानों
में
कहीं
1 comment:
Kartik
June 9, 2013 at 3:00 PM
Bohot Umda!!!
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Bohot Umda!!!
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