सर्दी की धूप
Sunday, September 25, 2011
..
मुट्ठी भर आकाश में जैसे
पंखों का विस्तार
वैसे तेरे ह्रदय में चाहूँ
फैले मेरा प्यार
1 comment:
Sunil Kumar
September 26, 2011 at 8:53 AM
सुंदर अभिव्यक्ति बधाई
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सुंदर अभिव्यक्ति बधाई
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