Monday, October 10, 2011

कागज़ की कश्ती

कागज़ की कश्ती सी जिंदगी
बारिशों में जन्मी
बारिशों में खो जानी है 
गली गली घूमकर फिर भी 
बारिशों में नहा रही देखो 

No comments:

Post a Comment